दिल्ली सल्तनत: सैय्यद वंश और लोदी वंश

दिल्ली सल्तनत: सैय्यद वंश और लोदी वंश :

सैय्यद​ वंश (1414-1450)

  • सैय्यद वंश शिया समुदाय से संबंधित दिल्ली सल्तनत का एकमात्र राजवंश था।

खिज्र खां (1414-1421)

  • तैमूर के सेनापति खिज्र खां ने 1414 में दिल्ली सल्तनत के सैय्यद वंश की स्थापना की।
  • खिज्र खां ने सुल्तान के बदले रैय्यत ए आला की उपाधि धारण की।
  • खिज्र खां ने अपने सिक्के नहीं बनवाए। तुगलक शासकों के सिक्के ही उसके शासनकाल में प्रचलित रहे।
  • उसने पंजाब, मुल्तान और सिंध को दिल्ली सल्तनत में शामिल कर लिया।

खिज्र खां तैमूर के पुत्र शाहरुख को नियमित रूप से कर भेजता था तथा उसके नाम से खुतबा पढ़वाया।

मुबारक शाह (1421-1434)

  • 1421 में खिज्र खां की मृत्यु के बाद उसका पुत्र मुबारक शाह सुल्तान बना।
  • मुबारक ने शाह की उपाधि धारण की। अपने नाम का खुतबा पढ़वाया तथा सिक्के चलाए।
  • मुबारक शाह ने यमुना के किनारे मुबारकाबाद शहर बसाया।
  • प्रसिद्ध इतिहासकार याह्या बिन अहमद सरहिंदी मुबारक शाह का दरबारी था। इसने तारीख ए मुबारकशाही नामक पुस्तक लिखी जिससे सैय्यद वंश के बारे में जानकारी मिलती है।
  • 1434 में उसके ही एक सरदार सरवर उल मुल्क ने उसकी हत्या कर दी।
  • मुबारक शाह की मृत्यु के बाद उसका पुत्र मुहम्मद शाह दिल्ली का सुल्तान बना।
  • 1444 में मुहम्मद शाह की मृत्यु के बाद उसका पुत्र अलाउद्दीन आलमशाह के नाम से सुल्तान बना।

1451 ई० में आलमशाह ने बहलोल लोदी  को दिल्ली का राज्य पूरी तरह से सौंप दिया और स्वयं बदायूं की जागीर में रहने लगा।

लोदी वंश (1451-1526)

बहलोल लोदी (1451-1489)

  • सैय्यद वंश का अंतिम शासक अलाउद्दीन आलमशाह था जिसे बहलोल लोदी ने 1451 में अपने पक्ष में दिल्ली की गद्दी छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया।
  • इस प्रकार बहलोल लोदी लोदी वंश का संस्थापक था।
  • बहलोल लोदी दिल्ली का प्रथम अफगान शासक था।
  • हालांकि खिलजी भी अफगानिस्तान से आए थे लेकिन वे मूलतः तुर्की थे।
  • बहलोल लोदी ने जौनपुर को दिल्ली सल्तनत में मिलाया जहां पहले शर्की वंश का स्वतंत्र शासन था।
  • उसके चलाए सिक्के बहलोली सिक्के कहलाए जो अकबर के समय तक चलन में रहे।

बहलोल लोदी की मृत्यु 1489 में हो गई।

सिकंदर लोदी (1489-1517)

  • बहलोल लोदी की मृत्यु के बाद उसका पुत्र निजाम खां सिकंदर शाह के नाम से 1489 में सुल्तान बना।
  • सिकंदर लोदी ने 1504 में आगरा शहर की स्थापना की तथा उसे अपनी राजधानी बनाया।
  • सिकंदर लोदी ने जमीन की पैमाईश के लिए सिकंदरी गज का प्रचलन कराया।
  • सिकंदर लोदी एक असहिष्णु शासक था। उसने नगरकोट के ज्वालामुखी मंदिर की मूर्ति को तोड़वा दिया तथा उसके टुकड़ों को कसाइयों को मांस तोलने के लिए दे दिया। उसने मुसलमानों द्वारा ताजिया निकालने तथा मुस्लिम स्त्रियों द्वारा पीरों, संतों की मजारों पर जाना प्रतिबंधित कर दिया।
  • सिकंदर लोदी ने ब्राह्मणों पर फिर से जजिया  कर लगाया।
  • प्रसिद्ध संत कबीर दास सिकंदर लोदी के समकालीन थे।
  • सिकंदर लोदी ने गुलरुखी उपनाम से फारसी में कविताएं करता था।

इब्राहीम लोदी (1517-1526)

  • 1517 में सिकंदर लोदी की मृत्यु के बाद उसका पुत्र इब्राहीम लोदी शासक बना।
  • इब्राहीम लोदी दिल्ली सल्तनत का अंतिम सुल्तान था।
  • 21, अप्रैल 1526 ई० में पानीपत के प्रथम युद्ध में इब्राहीम लोदी बाबर से पराजित हुआ; इसी के साथ लोदी वंश का शासन तथा दिल्ली सल्तनत समाप्त हो गया।
  • बाबर को भारत पर आक्रमण करने के लिए पंजाब के शासक दौलत खां लोदी और मेवाड़ के राणा संग्राम सिंह ने आमंत्रित किया।
  • मोठ मस्जिद लोदी स्थापत्य कला का उत्कृष्ट नमूना है, इसे सिकंदर लोदी के वजीर द्वारा बनवाया गया था।
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