केंद्रीय मंत्रिपरिषद्

केंद्रीय मंत्रिपरिषद् का गठन

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 74 के तहत राष्ट्रपति को उसके दायित्वों के निर्वाह में सलाह देने के लिए केंद्रीय मंत्रिपरिषद् का प्रावधान किया गया है।
  • केंद्र और राज्य मंत्रिपरिषद् की सदस्य संख्या लोकसभा और राज्य विधानसभा की सदस्य संख्या के 15% से अधिक नहीं होनी चाहिए, तथापि छोटे राज्यों के लिए न्यूनतम संख्या 12 निर्धारित की गई है।
  • संवैधानिक रूप से देश की समस्त शक्तियां राष्ट्रपति के हाथों में समाहित हैं किन्तु उसकी समस्त शक्तियों का उपयोग प्रधानमंत्री के नेतृत्व में मंत्रि-परिषद् करती है।

मंत्रिपरिषद् और मंत्रिमंडल

  • मंत्रिपरिषद् में प्रधानमंत्री, केबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री और उप-मंत्री होते हैं लेकिन मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री और केबिनेट स्तर के मंत्री ही सम्मिलित होते हैं। स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्री भी मंत्रिमंडल की बैठकों​ में भाग लेते हैं।

प्रधानमंत्री

  • संविधान के अनुच्छेद 74 में मंत्रिपरिषद् तथा प्रधानमंत्री का उल्लेख किया गया है।
  • संविधान द्वारा भारत में संसदीय शासन प्रणाली की स्थापना की गई है तथा कार्यपालिका की समस्त शक्तियां राष्ट्रपति में निहित की गई है, परंतु वास्तव में उसकी समस्त शक्तियों का प्रयोग प्रधानमंत्री द्वारा किया जाता है।
  • वह सत्तधारी दल का तथा सरकार का प्रमुख होता है। वह लोकसभा का भी नेता होता है।

नियुक्ति

  • संविधान के अनुच्छेद 75 के तहत प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  • सामान्य परिस्थितियों में राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल के नेता को प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया जाता है, परंतु लोकसभा में किसी भी दल को बहुमत प्राप्त नहीं होने की स्थिति में प्रधानमंत्री की नियुक्ति के लिए राष्ट्रपति द्वारा स्वविवेक का प्रयोग किया जाता है।

शक्तियां एवं कार्य

  • प्रधानमंत्री की सलाह पर ही राष्ट्रपति अन्य मंत्रियों को नियुक्त करता है तथा किसी मंत्री को उसके पद से हटाता है।
  • लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल का नेता होने के कारण वह लोकसभा में सरकार की नीतियों एवं कार्यों की घोषणा करता है तथा लोकसभा के सदस्यों द्वारा गंभीर विषयों पर पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देता है क्योंकि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में मंत्रि-परिषद् लोकसभा के प्रति सामूहिक रूप में उत्तरदायी होती है।
  • देश की वित्तीय व्यवस्था एवं वार्षिक बजट निर्धारित करने में भी प्रधानमंत्री की मुख्य भूमिका होती है।
  • सरकारी विधेयकों को प्रधानमंत्री की सलाह के अनुसार तैयार किया जाता है।
  • वह किसी भी समय लोकसभा को विघटित करने की अनुशंसा राष्ट्रपति को कर सकता है।
  • कोई भी व्यक्ति प्रधानमन्त्री की इच्छा रहते तक ही मंत्री रह सकता है।
  • प्रधानमंत्री के द्वारा ही मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा किया जाता है।
  • प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद् की बैठकों की अध्यक्षता करता है तथा उसके निर्णयों को प्रभावित करता है।
  • संविधान के अनुच्छेद 78 के अनुसार वह प्रशासन तथा विधान संबंधी सभी निर्णयों की सूचना राष्ट्रपति को देता है।
  • महत्वपूर्ण पदाधिकारियों, जैसे भारत का महान्यायवादी, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, निर्वाचन आयुतों,संघ लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष तथा अन्य सदस्यों, वित्त तथा अन्य महत्वपूर्ण आयोगों के अध्यक्षों एवं सदस्यों आदि की नियुक्तियों के संबंध में राष्ट्रपति को सलाह देता है।

स्मरणीय तथ्य-

  • प्रथम प्रधानमंत्री (1947-1964) जवाहरलाल नेहरू।
  • प्रथम महिला प्रधानमंत्री श्रीमति इंदिरा गांधी।
  • प्रथम गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री श्री मोरारजी देसाई।
  • लोकसभा का सामना नहीं करने वाले प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह।
  • अविश्वास प्रस्ताव द्वारा हटाए जाने वाले पहले प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह
दोस्तों के साथ शेयर करें

Leave a Comment

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *