बंगाल के गवर्नर जनरल

बंगाल के गवर्नर जनरल :

वारेन हेस्टिंग्स (1772/73 से 85)

  • 1773 के रेग्युलेटिंग एक्ट के द्वारा बंगाल के गवर्नर को बंगाल का गवर्नर जनरल कहा जाने लगा।
  • इससे पहले बंगाल, मद्रास और बंबई तीनों प्रेसीडेंसी के गवर्नर अपने-अपने क्षेत्रों के मामलों में स्वतंत्र थे।
  • लेकिन रेग्युलेटिंग एक्ट 1773 के द्वारा बंगाल के गवर्नर को बंगाल का गवर्नर जनरल पदनाम देकर उसे मद्रास और बंबई के गवर्नरों पर अधीक्षण और नियंत्रण की शक्ति दी गयी।
  • वारेन हेस्टिंग्स 1772 में बंगाल का गवर्नर बना था।
  • रेग्युलेटिंग एक्ट के बाद वारेन हेस्टिंग्स 1773 में बंगाल का पहला गवर्नर जनरल बनाया गया।
  • रेग्युलेटिंग एक्ट के प्रावधान के अनुरूप 1773 में कलकत्ता में सुप्रीम कोर्ट की स्थापना की गई। सर एलीजा इम्पे प्रथम मुख्य न्यायाधीश बनाया गया।
  • वारेन हेस्टिंग्स ने कलकत्ता मदरसा की स्थापना की।
  • प्रत्येक जिले में एक दीवानी और एक फौजदारी न्यायालय की स्थापना की गई।
  • 1772 में जोनाथन डंकन ने बनारस में संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना की।
  • 1784 में सर विलियम जोन्स ने एशियाटिक सोसाइटी आफ बंगाल की स्थापना की गई।
  • हेस्टिंग्स के समय में ही बोर्ड आफ रिवेन्यू का गठन  हुआ।
  • प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध (1775-82) तथा दूसरा आंग्ल-मैसूर युद्ध (1780-80) हुआ।

लार्ड कार्नवालिस (1786 से 93)

  • लार्ड कार्नवालिस के समय में तृतीय आंग्ल-मराठा युद्ध हुआ जिसके परिणामस्वरूप टीपू सुल्तान से श्रीरंगपट्टनम की संधि (1792) हुई।
  • लार्ड कार्नवालिस ने 1793 में स्थायी बंदोबस्त व्यवस्था लागू किया गया।
  • कंपनी के अधिकारी/कर्मचारियों के व्यक्तिगत व्यापार पर रोक  लगा दी गई।
  •  कार्नवालिस कोड का निर्माण कराया। इसी के समय पहली बार सामान्य प्रशासन और न्याय व्यवस्था की पृथक-पृथक इकाईयों का गठन किया गया।
  • कार्नवालिस को भारत में प्रशासनिक/सिविल सेवा का जनक माना जाता है।

सर जान शोर (1793-98)

इसने भारत में देशी राज्यों के साथ तटस्थता और अहस्तक्षेप की नीति  अपनाई।

लार्ड वेलेजली (1798-1805)

  • इसके ही समय में चौथा मैसूर युद्ध  हुआ (1799)। इसमें टीपू सुल्तान मारा गया।
  • वेलेजली सहायक संधि की नीति अपनाई।
  • द्वितीय आंग्ल-मराठा युद्ध  1803-05 वेलेजली के समय हुआ।
  • बेसिन की संधि 1802 में हुई।

सर जार्ज बार्लो (1805-07)

  • इसके समय में दासों के व्यापार पर रोक  लगाई गई।
  • 1806 में वेल्लोर में सिपाही विद्रोह  हुआ।

लार्ड मिंटो प्रथम(1807-13)

महाराज रणजीत सिंह से अमृतसर की संधि  (1809)।

लार्ड हेस्टिंग्स (1813-23)

  • 1816 में नेपाल के साथ सांगोली की संधि।
  • प्रेस पर लगे प्रतिबंध हटाए गए।
  • पिंडारियों का दमन किया गया।
  • 1822 में टेनेंसी एक्ट या काश्तकारी अधिनियम लागू हुआ।

लार्ड एमहर्स्ट(1823-28)

  • इनके समय आंग्ल-बर्मा युद्ध (1824-26) हुआ जो याण्डबू की संधि से खत्म हुआ।
  • 1824 में बैरकपुर में सैनिक विद्रोह  हुआ।
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