भारतीय संवत्

भारतीय संवत् :

बुद्ध संवत् 

श्रीलंका की गणना के अनुसार बुद्ध संवत् 544 ईसापूर्व में आरंभ हुआ। बुद्ध के निर्वाण की वास्तविक तिथि 483 ईसापूर्व है। जबकि चीनी कैंटीन परंपरा के अनुसार यह तिथि 486 ईसापूर्व है।

महावीर संवत्

महावीर स्वामी द्वारा 527 ईसापूर्व में प्रारंभ किए गए इस संवत् का प्रयोग प्राय: जैन सभा से संबंधित घटनाओं में ही किया जाता है।

कलि संवत्

यह एक काल्पनिक संवत् था जिसे पांचवी शताब्दी में आर्यभट्ट ने प्रामाणिक स्वरूप प्रदान करके ज्योतिष संबंधी ग्रंथों मेंं प्रयुक्त करते हुए 18 फरवरी 3102 ईसापूर्व से इसका आरंभ माना जिसे सामान्यत: भगवान श्री कृष्ण के इस पृथ्वी से प्रस्थान (मृत्यु) का समय माना जाता है। आर्यभट्ट के अनुसार महाभारत युद्ध 3137 ईसापूर्व में हुआ। कलियुग का आरम्भ कृष्ण के इस युद्ध के 35 वर्ष पश्चात निधन पर हुआ।

सप्तर्षि संवत्

सप्तर्षि संवत् (लौकिक संवत) का आरंभ 25 कलि वर्ष के पश्चात 3076 ईसापूर्व से माना जाता है। अलबरुनी के समय 11 वीं शताब्दी में यह कश्मीर और इसके आसपास क्षेत्रों में प्रचलित था। हिमाचल प्रदेश में ‘शास्त्र संवत्’ कहा जाता है।

विक्रम संवत्

यह 58 ईसापूर्व से आरंभ होता है तथा कहा जाता है कि राजा विक्रमादित्य ने शकों को पराजित करने के उपलक्ष्य में इसकी शुरुआत की।

शक संवत्

शक संवत् कनिष्क द्वारा 78 ईसवी में आरंभ किया गया। भारत सरकार भी इसी संवत् का प्रयोग करती है। दक्षिण भारत में यह बहुत ही लोकप्रिय संवत् है जहां यह शालिवाहन शक संवत् के नाम से जाना जाता है।

कलचुरी संवत्

248 ईसवी से प्रचलित यह संवत् सबसे पहले आभीरों के बीच प्रयोग हुआ। इसके बाद यह चेदि या कलचुरी द्वारा प्रयुक्त होने पर उन्हीं के नाम से इस संवत् को जाना जाने लगा।

गुप्त संवत्

गुप्त संवत् की शुरुआत 319/320 ईसवी में गुप्त वंश के शासक चंद्रगुप्त प्रथम ने की।

लक्ष्मण संवत्

इसे बंगाल के सेनवंश के राजा लक्ष्मण सेन ने प्रारंभ किया।

निवाड़ी संवत्

नेपाल का निवाड़ी संवत् 24 अक्टूबर सन 879 शुभारंभ हुआ।

चालुक्य विक्रम संवत्

कल्याणी के चालुक्य विक्रमादित्य द्वारा प्रारंभ।

इलाही संवत् अकबर द्वारा 1556 ईसवी में चलाया गया।

मालाबार का कौलम संवत 825 ईसवी के आरंभ हुआ।

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