भारत का संविधान : भारतीय संविधान के स्रोत एवं विशेषताएं

भारत का संविधान :

  • संविधान का निर्माण संविधान सभा द्वारा किया गया।
  • संविधान सभा का गठन कैबिनेट मिशन 1946 के प्रावधानों के अनुसार किया गया।
  • संविधान सभा का प्रथम अधिवेशन 9 दिसंबर 1946 को डॉ सच्चिदानंद की अध्यक्षता में हुआ।
  • 11 दिसंबर 1946 को डॉ राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थायी अध्यक्ष चुना गया।
  • डॉ भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता वाली प्रारूप समिति ने संविधान का निर्माण अंतिम रूप से किया।
  • 26 नवंबर 1949 को संविधान अंगीकृत, अधिनिमित हुआ।
  • 26 जनवरी 1950 से संविधान लागू हुआ। भारत इसी दिन से गणतंत्र बना।
  • मूल संविधान में 22 भाग, 8 अनुसूचियाँ तथा 395 अनुच्छेद थे। वर्तमान में इसमें 12 अनुसूचियाँ हैं।
  • भारतीय संविधान का दो तिहाई भाग भारत शासन अधिनियम 1935 से लिया गया है।
  • भारतीय संविधान की निर्माण में विभिन्न देशों के संविधान से उनके महत्वपूर्ण तत्व लिए गए है।

भारतीय संविधान के स्रोत

राष्ट्रविविध स्रोत
संयुक्त राज्य अमेरिकामौलिक अधिकार, न्यायिक पुनर्विलोकन, संविधान की सर्वोच्चता, न्यायपालिका की स्वतन्त्रता, निर्वाचित राष्ट्रपति एवं उस पर महाभियोग, न्यायधीशों को हटाने की विधि एवं वित्तीय आपात।
ब्रिटेनसंसदीय शासन प्रणाली, एकल नागरिकता व विधि निर्माण की प्रक्रिया।
आयरलैंडनीति निर्देशक तत्व, राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल की व्यवस्था, आपातकालीन उपबंध।
ऑस्ट्रेलियाप्रस्तावना की भाषा, संघ राज्य सम्बन्ध तथा शक्तियों का विभाजन, समवर्ती सूचि का प्रावधान।
सोवियत रूसमूल कर्त्तव्य।
जापानविधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया।
फ्रांसगणतंत्रात्मक शासन पद्धत्ति।
कनाडासंघात्मक शासन व्यवस्था एवं अवशिष्ट शक्तियों का केंद्र के पास होना।
दक्षिण अफ्रीकासंविधान संसोधन की प्रक्रिया।
जर्मनी (वाइमर संविधान)आपात्कालीन उपबंध
  • संविधान की प्रस्तावना को संविधान की कुंजी कहा जाता है।
  • प्रस्तावना में उन उद्देश्यों को लेखबद्ध किया गया है जिन्हें संविधान के कार्यकरण द्वारा प्राप्त किया जाना है।
  • पंथनिरपेक्षता, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, धार्मिक स्वतंत्रता, समानता, राष्ट्रीय एकता आदि भारतीय गणतंत्र के मुख्य उद्देश्य हैं ।
  • 42 संशोधन 1976 द्वारा प्रस्तावना में ‘पंथ निरपेक्ष’, ‘समाजवादी’ तथा ‘और अखण्डता’ शब्द जोड़े गए।
  • उद्देशिका या प्रस्तावना को न्यायालय में प्रवर्तित नहीं किया जा सकता।
  • लेकिन जहां संविधान की भाषा में संदिग्धता होती है वहां उद्देशिका संविधान की कानून व्याख्या में सहायक होती है।
  • प्रस्तावना में यह भी बताया गया है कि भारत में संविधान के प्राधिकार का स्रोत स्वयं भारत की जनता है। इसका यही अर्थ है कि भारत के लोगों ने एक प्रभुत्व संपन्न संविधान सभा में एकत्रित हो कर अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से संविधान​ की रचना की। जहां पहले के भारत शासन अधिनियम ब्रिटिश संसद की देन होते थे उनके विपरीत भारत के संविधान को प्रभुत्व संपन्न संविधान सभा ने बनाया।
  • गणराज्य का सीधा अर्थ है जनता के द्वारा बनाया गया जनता का राज्य जिसका मुखिया निर्वाचित होता है।

भारत का संविधान, संविधान सभा

भारतीय संविधान की विशेषताएं

  • भारत का संविधान लिखित संविधान है।
  • यह विश्व का सबसे लंबा और ब्योरे वाला संविधान है।
  • भारत का संविधान अधिक लचीला तथा कम कठोर संविधान है।
  • अमेरिका के न्यायिक सक्रियता और ब्रिटेन के संसदीय सर्वोच्चता के बीच संतुलन।
  • मूल अधिकारों की व्यवस्था।
  • न्यायिक पुनरावलोकन की व्यवस्था ताकि मूल अधिकारों की रक्षा हो सके।
  • एकीकृत न्यायपालिका।
  • संसदीय शासन प्रणाली जिसमें सरकार संसद विशेषकर लोकप्रिय सदन के प्रति जवाबदेह होती है।
  • संसदीय शासन प्रणाली के साथ निर्वाचित राष्ट्रपति की व्यवस्था।
  • बिना भेदभाव के सार्वत्रिक मताधिकार।
  • एकात्मक लक्षणों वाली परिसंघ प्रणाली।
  • भारत में कनाडा के नमूने वाली परिसंघ प्रणाली है। जिसमें ऐकिक राज्य को प्रशासनिक इकाइयों में बांटकर परिसंघ का निर्माण किया गया है। अर्थात् भारत संघ उसके इकाइयों के बीच किसी करार या समझौते का परिणाम नहीं है।
  • एकल नागरिकता।
  • जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति।
भागअनुच्छेदप्रावधान
भाग 1अनुच्छेद 1 से 4संघ और उसका राज्य क्षेत्र, नए राज्य का निर्माण
भाग 2अनुच्छेद 5 से 11नागरिकता
भाग 3अनुच्छेद 12 से 35मौलिक अधिकार
भाग 4अनुच्छेद 36 से 51राज्य के नीति निर्देशक तत्व
भाग 4एअनुच्छेद 51एमौलिक कर्त्तव्य
भाग 5अनुच्छेद 52 से 151संघ सरकार
भाग 6अनुच्छेद 152 से 237राज्य सरकार से सम्बंधित
भाग 7अनुच्छेद 2387 वें संशोधन द्वारा संविधान से हटा दिया गया है।
भाग 8अनुच्छेद 239 से 242केंद्र शासित प्रदेशों का प्रशासन
भाग 9अनुच्छेद 243 से 243ओपंचायते
भाग 9अनुच्छेद 243पी से 243जेडजीनगरीय निकाय
भाग 18अनुच्छेद 352 से 360आपात उपबंध
भाग 20अनुच्छेद 368संविधान संशोधन
भाग 22अनुच्छेद 393 से 395संक्षिप्त नाम, प्रारंभ और निरसन
हिंदी में प्राधिकृत पाठ।

भारतीय संविधान की अनुसूचियाँ 

  • पहली अनुसूची – इसमें भारतीय संघ के 29 घटक राज्यों एवं 7 संघ शासित क्षेत्रो का उल्लेख है।
  • दूसरी अनुसूची – पदाधिकारियों के वेतन भत्ते एवं पेंशन।
  • तीसरी अनुसूची – सपथ ग्रहण का प्रारूप।
  • चौथी अनुसूची – राज्यों एवं संघ क्षेत्रो का राज्य सभा में प्रतिनिधित्व।
  • पांचवी अनुसूची – अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियाँ के प्रशासन और नियंत्रण के बारे में।
  • छठवी अनुसूची – असम, मेघालय, त्रिपुरा एवं मिज़ोरम राज्यों के जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन का प्रावधान है।
  • सातवी अनुसूची – केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का बटवारा। संघ सूची में 97, राज्य सूची में 64 तथा समवर्ती सूची में 52 विषय हैं।
  • आठवी अनुसूची – में भारत की 22 भाषाओं का उल्लेख है।
  • नौवीं अनुसूची – पहला संविधान संशोधन 1951 द्वारा जोड़ी गयी। इसमें राज्य द्वारा सम्पत्ति के अधिग्रहण के विधियों का उल्लेख है।
  • दसवी अनुसूची – दल बदल सम्बन्धी प्रावधान। 52 वें संशोधन 1985 द्वारा जोड़ा गया।
  • ग्यारहवीं अनुसूची – इसमें पंचायती राज संस्थाओं के 29 विषयों का उल्लेख है। 73 वें संशोधन द्वारा 1993 में जोड़ा गया।
  • बारहवीं अनुसूची – नगरीय निकायों के 18 विषय। 74 वें संशोधन द्वारा 1993 में जोड़ा गया।

अन्य महत्वपूर्ण तथ्य

  • भारतीय संविधान के भाग तीन में मूल अधिकार की व्यवस्था की गई है।
  • संविधान के अनुच्छेद 12 में मूल अधिकारों के संदर्भ में राज्य की परिभाषा दी गई है।
  • अनुच्छेद 13 द्वारा संसद को ऐसी कोई भी विधि या कानून बनाने से रोक दिया गया है। जो भाग तीन में दिए गए मूल अधिकारों में से किसी को भी छीनती या कम करती है।
  • अनुच्छेद 14 से 18 में समानता का अधिकार दिया गया है।
  • अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समता और विधियों के समान संरक्षण के बारे में है।
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41 thoughts on “भारत का संविधान : भारतीय संविधान के स्रोत एवं विशेषताएं”

    1. नहीं। भारतीय संविधान को केवल डॉ अंबेडकर ने नहीं बनाया। पूरी संविधान सभा ने अपनी विभिन्न समितियों के माध्यम से भारत के संविधान की रचना की।

    1. There were 389 members in the Constituent Assembly, 292 were representatives of the states, 93 represented the princely states and four were from the chief commissioner provinces of Delhi, Ajmer-Merwara, Coorg and Baluchistan. After the partition of India, the number of members reduced to 299.
      284 members signed the handwritten document on 24 Jan 1950.

    1. 1400 पन्नों के भारतीय संविधान को अंग्रेजी में रास बिहारी ने लिखा जबकि हिन्दी की प्रति का लेखन वी. के. वैद्य ने किया। बदरुद्दीन तैयबजी ने ही अनेक लोगों की लिखावट देखने के बाद इन दोनों को यह महान दायित्व सौंपा था। इन दोनों ने मात्र एक हफ्ते में संविधान को लिखा था। जहाँ तक संविधान बनाने का सवाल है, पूरी संविधान सभा ने अपनी विभिन्न समितियों के माध्यम से भारतीय संविधान को बनाया। भारतीय संविधान का प्रारूप या मसौदा (Draft) डॉ भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता वाली प्रारूप समिति ने बनाया।

  1. श्रीमान्
    संविधान की सातवीं अनुसूची राज्य सूची के विषयों की संख्या 64 होगी।

    कृपया सुधार की आवश्यक्ता है ।

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