न्याय-वैशेषिक दर्शन में ईश्वर की अवधारणा
न्याय-वैशेषिक दर्शन में ईश्वर की अवधारणा न्याय-वैशेषिक दर्शन (न्याय और वैशेषिक) दोनों जुड़वां दर्शन हैं। न्याय दर्शन ज्ञानमीमांसा पर अधिक […]
न्याय-वैशेषिक दर्शन में ईश्वर की अवधारणा न्याय-वैशेषिक दर्शन (न्याय और वैशेषिक) दोनों जुड़वां दर्शन हैं। न्याय दर्शन ज्ञानमीमांसा पर अधिक […]
अद्वैत दर्शन अद्वैत दर्शन के प्रतिपादक शंकराचार्य हैं। उनके अनुसार “ब्रह्म सत्यं जगन्नमिथ्या जीवो ब्रह्मैव नापर:।” ब्रह्म (निर्गुण ईश्वर) ही
जैन दर्शन जीव के प्रकार जैन दर्शन चेतन द्रव्य को जीव या आत्मा कहता है। जीव चेतना स्वरूप है अर्थात्
इमैनुएल कांट का दर्शन इमैनुएल कांट का दर्शन समीक्षावाद कहलाता है क्योंकि उसने अनुभववाद और बुद्धिवाद की आलोचनात्मक समीक्षा करके
सांख्य दर्शन भारतीय दर्शन पद्धतियों में सांख्य सबसे प्राचीन माना जाता है। महर्षि कपिल के द्वारा सांख्य दर्शन का प्रतिपादन
स्तूप की उत्पत्ति एवं विकास महात्मा बुद्ध के निर्वाण के बाद भारत और अफगानिस्तान में बड़ी संख्या में स्तूपों का