जॉन लॉक : अनुभववाद, अनुभववादी ज्ञानमीमांसा
जॉन लॉक : अनुभववाद, अनुभववादी ज्ञानमीमांसा जॉन लॉक (1632-1704) ब्रिटिश दार्शनिक तथा विचारक थे। उन्हें आधुनिक पाश्चात्य दर्शन में अनुभववाद […]
जॉन लॉक : अनुभववाद, अनुभववादी ज्ञानमीमांसा जॉन लॉक (1632-1704) ब्रिटिश दार्शनिक तथा विचारक थे। उन्हें आधुनिक पाश्चात्य दर्शन में अनुभववाद […]
लाइब्नित्ज का चिद्-बिंदुवाद या चिदणुवाद आधुनिक पाश्चात्य दर्शन में बुद्धिवादी विचारधारा का आरंभ देकार्ते से होता है जिसका चरम उत्कर्ष
स्पिनोजा का सर्वेश्वरवाद बेनेडिक्ट स्पिनोजा देकार्ते की परंपरा का बुद्धिवादी दार्शनिक है। लेकिन जहां देकार्ते दो मूल द्रव्यों आत्मा और जड़
स्पिनोजा का द्रव्य सिद्धांत स्पिनोजा भी देकार्ते की तरह बुद्धिवादी दार्शनिक हैं। एथिक्स इनका प्रसिद्ध ग्रंथ है। जिसमें इन्होंने ज्यामितीय
रेने देकार्ते के अनुसार अनुभव से प्राप्त हमारा ज्ञान कई बार भ्रमपूर्ण होता है। पारंपरिक ज्ञान में लोक विश्वास का मिश्रण हो सकता है। तर्क और गणित से प्राप्त ज्ञान भी विचार के नियमों की अवहेलना करने के कारण त्रुटिपूर्ण हो सकता है। इसलिए सब कुछ पर संदेह किया जाना चाहिए।
मुख्य परीक्षा/ दर्शन शास्त्र जी ई मूर (1873-1958 ई॰) सहज बुद्धि का समर्थन जी ई मूर (जॉर्ज एडवर्ड मूर) वास्तववादी